एनपीआर में लिया जाता है देश के नागरिकों का डाटा, इसके लिए नहीं देने होते कोई भी दस्तावेज

 कैबिनेट ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) अपडेट करने को मंजूरी दे दी है। इसमें देश के नागरिकों का डेटा होगा और इसे अगले साल अप्रैल से अपडेट करने का काम शुरु किया जाएगा। सरकार के अनुसार इसके लिए किसी भी व्यक्ति को किसी भी तरह का कोई भी डॉक्यूमेंट नहीं देने होंगे। देश के हर स्थानीय निवासी को एनपीआर में रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है।

एनपीआर से जुड़े सवाल और इनके जवाब




  1. एनपीआर क्या है?


     


    राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के तहत स्थानीय स्तर का जैसे गांव, कस्बा, जिला से लेकर राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर डाटाबेस तैयार किया जाता है।  इसे 'नागरिकता कानून 1955' और 'नागरिकता पंजीयन व राष्ट्रीय पहचान पत्र आवंटन नियम, 2003' के मुताबिक तैयार किया जाता है। अगर कोई बाहरी (विदेशी) व्यक्ति देश के किसी हिस्से में छह महीने से ज्यादा समय से रह रहा है, तो उसका ब्यौरा भी एनपीआर में दर्ज होगा।


     




  2. एनपीआर से क्या फायदा होता है?


     


    एनपीआर का इस्तेमाल सरकार अपनी योजनाओं को लागू करने के लिए करती है। लोगों के बायोमेट्रिक डाटा के जरिए योजनाओं के लाभार्थियों की पहचान करने में मदद मिलती है। एनपीआर में लोगों द्वारा दी गई सूचना को ही सही माना जाता है।


     




  3. क्या एनपीआर पहली बार हो रहा है?


     


    2011 की जनगणना के लिए 2010 में घर-घर जाने के दौरान ही एनपीआर के लिए जानकारी इकठ्ठा की गई थी। इस डाटा को 2015 में घर-घर सर्वे करके अपडेट भी किया गया था। इस जानकारी का डिजिटलाइजेशन भी किया गया।


     




  4. एनपीआर में कौन सी जानकारी ली जाती है और इसके लिए कौन से डॉक्यूमेंट देने होते हैं?


     


    सरकारी कर्मचारी घर-घर जाकर लोगों से उनके बारे में जानकारी लेते हैं। हर स्थानीय निवासी से नाम, माता-पिता, लिंग, वैवाहिक स्थिति, पति/पत्नी का नाम, घर के मुखिया से संबंध, लिंग, जन्मतिथि, जन्मस्थान, राष्ट्रीयता, वर्तमान पता, निवास की अवधि, शैक्षणिक योग्यता, व्यवसाय की जानकारी मांगी जाती है। इसे नोट करके उसकी रसीद भी दी जाती है। इसके लिए कोई भी डॉक्यूमेंट नहीं देने होंगे सारी जानकारी मौखिक रूप से ली जाएगी।


     




  5. एनपीआर के मुताबिक स्थानीय निवासी कौन है?


     


    जनसंख्या रजिस्टर में शामिल करने के लिए स्थानीय निवासी का अर्थ किसी स्थान पर 6 महीनों या उससे ज्यादा समय से रह रहा व्यक्ति है। उस स्थान पर अगले 6 महीनों या उससे ज्यादा वक्त तक उसी स्थान पर रहने की इच्छा रखने वाले व्यक्ति को भी स्थानीय निवासी माना जाएगा। इसमें लोगों द्वारा दी गई सूचना को ही दर्ज किया जाएगा।


     




  6. एनपीआर कराने के लिए कहां जाना होगा?


     


    रजिस्ट्रार जनरल और सेंसस (जनगणना) कमिश्नर के मुताबिक, असम को छोड़कर देश की सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अप्रैल से सितंबर 2020 तक जनगणना के आंकड़े जुटाए जाएंगे। इसी दौरान एनपीआर को भी अपडेट किया जाएगा। इसके लिए किसी को कहीं जाने की जरूरत नहीं रहेगी जनगणना अधिकारी आपके घर आकर खुद आपका डाटा लेकर जाएगा।


     




  7. अगर कोई व्यक्ति एनपीआर के तहत जानकारी नहीं रजिस्टर कराता है तो क्या होगा?


     


    अगर कोई व्यक्ति एनपीआर के तहत जानकारी नहीं रजिस्टर कराता है तो इसको लेकर कोई जुर्माने के प्रावधान नहीं है। किसी व्यक्ति के रजिस्टर न कराने से वह व्यक्ति सरकार की ओर से मिलने वाली योजनाओं से वंचित रह सकता है।





Popular posts
आर्थिक सर्वेक्षण / 5 साल में 4 करोड़ नौकरियों के लिए चीन का फॉर्मूला, अगले वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ 6% से 6.5% रहने का अनुमान
Image
 गुनहगार विनय कुमार शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की क्यूरेटिव पिटीशन, इसे माना जाता है आखिरी रास्ता
नई दिल्ली.वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को सदन में 2020-21 का आम बजट पेश किया।राजद नेता तेजप्रताप यादव ने कहा- इस बजट से ज्यादा अच्छी तो सत्यनारायण भगवान की कथा होती है, कम से कम मन को संतुष्टि और पुण्य की प्राप्ति होती है। यहां तो कुछ भी नहीं आया हाथ में। गरीब जनता टुकुर-टुकुर देखती रही और ये लगातार ढाई-तीन घंटे तक गुमराह करते रहे। वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता संजय झा ने कहा-बजट के लिए वित्त मंत्री की आलोचना न करें। क्योंकि,इसे एलेक्सा (अमेजन का आर्टिफिशियल असिस्टेंट) द्वारा तैयार किया गया है। 100 नए एयरपोर्ट्स। कोई साइंटिफिक एसेसमेंट नहीं। बस सिर्फ बचकाना सुर्खियां बटोरने की कोशिश। यह सिर्फ 100 स्मार्ट सिटी की तरह है, जो कहीं नहीं दिख रहीं। एलेक्सा को 100 से ज्यादा प्यार है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा-टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में इम्प्लॉयमेंट जनरेशन को बढ़ावा देने के लिए इस बजट में हमने कई विशेष प्रयास किए हैं। नए स्मार्ट सिटीज, इलेक्ट्रॉनिक मैन्यूफैक्चरिंग, डेटा सेंटर पार्क्स, बायो टेक्नोलॉजी और क्वांटम टेक्नोलॉजी, जैसे क्षेत्रों के लिए अनेक पॉलिसी इनिशिएटिव्स लिए गए हैं। इससे पहले राहुल गांधी ने कहा- यह अब तक सबसे लंबा बजट भाषण था,लेकिन इसमें कुछ भी नहीं था। इस पर सीतारमण बोलीं- मैं सहमत हूं कि मेरा बजट भाषण लंबा था, लेकिन भाषण में मैंने युवाओं के लिए रोजगार की योजनाओं के बारे में बात की। इसमें उन्हें कई लाभ दिए गए हैं। सबसे लंबा बजट भाषण और सबसे अधिक कमी- कांग्रेस राहुल गांधी ने कहा- मुख्य समस्या बेरोजगारी है। बजट में ऐसा कोई ठोस प्रावधान नहीं दिखा, जिससे हमारे युवाओं को रोजगार मिले। इसमें कोई विचार नजर नहीं आया। सरकार अपनी पीठ थपथपाती दिखी। सरकार सिर्फ बातें ही कर रही है, लेकिन काम कुछ नहीं हो रहा है। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- इस बजट में, मोदी सरकार ने कर प्रणाली को तर्कसंगत बनाने, बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने, बैंकिंग प्रणाली को मजबूत करने, निवेश को बढ़ावा देने और व्यापार करने में आसानी के लिए प्रभावी कदम उठाए हैं। यह मोदी सरकार के 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के संकल्प को आगे बढ़ाएगा। पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा- यह हाल के वर्षों का सबसे लंबा बजट था। यह 160 मिनट तक चला, लेकिन समझ नहीं आया कि बजट से सरकार क्या संदेश देना चाहती थी। इसमें रोजगार सृजन को लेकर कुछ नहीं कहा गया है। सरकार अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने, विकास दर में तेजी लाने, निजी निवेश को बढ़ावा देने या रोजगार के अवसर देने की उम्मीद छोड़ चुकी है। कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा- मुझे खुशी है कि वित्त मंत्री ने स्वीकार किया कि राजकोषीय घाटा 3.8% है। उनको देश को यह भी बताना चाहिए था कि अगर आप यूनियन और स्टेट का घाटा जोड़े तो यह 8% से ज्यादा है जो देश के लिए चिंता की स्थिति है। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा- यह बजट प्रधानमंत्री मोदी के सुधार और सुधार की 5 साल की नीति को जारी रखने का एक ऐतिहासिक बजट है। यह बजट महिलाओं, किसानों, युवाओं, मध्यम वर्ग और गरीबों पर केंद्रित है। मैं वित्त मंत्री सीतारमण को इस साहसी बजट के लिए बधाई देता हूं। कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा- निर्मला सीतारमण बजटीय गणित समझाने में विफल रही हैं। भारी भरकम शब्दों का कोई मतलब नहीं हैं। इंस्पेक्टर राज को समाप्त करने का वित्त मंत्री का दावा गलत और मजाक है। आईटी के छापे कई गुना बढ़े हैं। टैक्स टेररिज्म ने व्यापार जगत के लीडर्स में दहशत पैदा की है। बजट स्पष्ट नहीं है। रोजगार सृजन के लिए स्पष्ट रोडमैप नहीं है। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा- राहुल गांधी बजट को लेकर बहुत उत्साहित नहीं दिखे। अगर उनके पास कोई मुद्दा-आधारित प्रश्न है, तो मैं उनका जवाब दे सकता हूं। लेकिन अगर वह केवल विशेषण का उपयोग करना चाहते हैं, तो मैं उनसे 10 गुना बेहतर विशेषण टेलीविजन पर देख रहा हूं, जो सकारात्मक है। माकपा नेता सीताराम येचुरी ने कहा- जब तक मोदी सरकार के मंत्री और भाजपा के नेता भारतीय समाज को नष्ट करने के लिए काम करेंगे, तब तक देश में कोई भी आर्थिक पुनरुत्थान नहीं हो सकता। वहीं, राजद ने कहा- ‘गोली मारो...’ का नारा देने वाले वित्त राज्यमंत्री आज देश को बता रहे हैं कि बजट ‘सबका साथ, सबका विकास’ वाला है। राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा- विश्व में भारत को एक प्रमुख आर्थिक शक्ति के रूप में स्थापित करने वाला आम बजट मोदी सरकार की दूरदर्शी सोच को प्रतिबिम्बित करता है। हमें विश्वास है कि यह बजट मजबूत भारत की आधारिशला रखकर सभी भारतीयों के सपनों को साकार करने का मार्ग प्रशस्त करेगा। वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कहा- निर्मला सीतारमण और अनुराग ठाकुर ने नौकरी की कमी, किसानों की आत्महत्या, गिरती हुई जीडीपी, खत्म होते कारोबार के बीच का बजट पेश किया। सीतारमण अपने बॉस की तरह कहती हैं- ‘सब चंगा सी'! अनुराग ठाकुर ने कहा होगा- देश के बेरोजगारों, व्यापारियों और किसानों को गोली मारो! उप्र के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा- भाजपा का एक और निराशाजनक बजट आया। न नौकरीपेशा को फायदा, न कारोबारी को, न उद्योग को, न किसान-मजदूर-गरीब को। युवा और भी निराश हो गए हैं और महंगाई की मारी गृहणी और भी हताश हैं। अगर भाजपा के भ्रष्टाचार पर कर लगा दिया जाए तो देश के बुरे दिन समाप्त हो जाएंगे। राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा- विश्व में भारत को एक प्रमुख आर्थिक शक्ति के रूप में स्थापित करने वाला आम बजट मोदी सरकार की दूरदर्शी सोच को प्रतिबिम्बित करता है। हमें विश्वास है कि यह बजट मजबूत भारत की आधारिशला रखकर सभी भारतीयों के सपनों को साकार करने का मार्ग प्रशस्त करेगा। बायोकॉन की संस्थापक किरण मजूमदार शॉ ने कहा- हमारे आर्थिक कैंसर को कीमोथेरेपी की नहीं बल्कि इम्यूनोथेरेपी की जरूरत है। हमें इसके कारणों से लड़ने की जरूरत है न कि इसके लक्षणों से। उम्मीद है 2020 के बजट में इस पर भी ध्यान दिया जाएगा। वित्तीय सृजन हमारी आर्थिक प्रतिरक्षा तंत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा है। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा- अर्थव्यवस्था में थेगड़े (टैटर्स/पैबंद) लग चुकेहैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ही हैं,जो कॉस्मेटिक सर्जरी कर सकती हैं। क्योंकि,भाजपा सरकार तो इमरान खान या पाकिस्तान के मुसलमानों की बात करने में ही लगी रहती है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा- दिल्ली के लोगों को पूरी उम्मीद है कि केंद्र सरकार बजट में दिल्ली के हितों की रक्षा करेगी। चुनाव के मद्देनजर दिल्ली को और भी ज्यादामिलना चाहिए। बजट बताएगा कि भाजपा को हम दिल्लीवालों की कितनी परवाह है। प.बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा- मैं यह देखकर हैरान हूं कि केंद्र सरकार ने किस प्रकार देश की ऐतिहासिक सार्वजिनिक संस्थाओं को ताक पर रख दी है। Budget 2020 (36) Commen या की 100 शक्तिशाली महिलाओं में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का 34वां नंबर, रोशनी नाडर और किरण मजूमदार शॉ भी शामिल फोर्ब्स / दुनिया की 100 शक्तिशाली महिलाओं में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का 34वां नंबर, रोशनी नाडर और किरण मजूमदार शॉ भी शामसीएए / रविशंकर प्रसाद ने कहा- सरकार शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से बातचीत को तैयार, नागरिकता कानून पर शंकाएं दूर करेंगे होम ई-पेपर
अभी विदा नहीं लेगी सर्दी, आज से 10 फरवरी तक ठंड के दाे और दौर पड़ने की संभावना