आर्थिक सर्वेक्षण / 5 साल में 4 करोड़ नौकरियों के लिए चीन का फॉर्मूला, अगले वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ 6% से 6.5% रहने का अनुमान



 






आर्थिक सर्वेक्षण / 5 साल में 4 करोड़ नौकरियों के लिए चीन का फॉर्मूला, अगले वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ 6% से 6.5% रहने का अनुमान




  • चालू वित्त वर्ष में ग्रोथ 5% रहने का अनुमान, ग्रोथ बढ़ाने के लिए वित्तीय घाटे का लक्ष्य छोड़ना पड़ सकता है

  • प्याज की कीमतों में स्थिरता लाने के लिए सरकार के उपायों का असर होता नहीं दिख रहा: सर्वे




 



नई दिल्ली.वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को संसद में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन द्वारा तैयार सर्वे में सरकार को 5 साल में 4 करोड़ रोजगार देने का चाइनीज फॉर्मूला सुझाया गया है।सर्वे में कहा गया है कि मेक इंडिया इंडिया अभियान में 'असेंबलिंग इन इंडिया फॉर वर्ल्ड' को शामिल रोजगार और एक्सपोर्ट पर ध्यान देने से 2025 तक अच्छी तनख्वाह वाली 4 करोड़ और 2030 तक 8 करोड़ नौकरियां दी जा सकती हैं। इससे 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी के लक्ष्य तक तेजी से बढ़ना भी संभव होगा। मुख्य आर्थिक सलाहकार ने चीन और भारत के एक्सपोर्ट के आंकड़ों में फर्कबताते हुए कहा कि चीन कामगारों को बढ़ावा देने पर विशेष जोर देता है। भारत को भी ऐसा करने की जरूरत है। आर्थिक विकास दरको लेकर अनुमान है किआने वाले वित्त वर्ष (2020-21) में जीडीपी ग्रोथ बढ़कर 6-6.5 फीसदी पहुंच सकती है। चालू वित्त वर्ष (2019-20) में ग्रोथ रेट5% रहने का ही अनुमान है। यह 11 साल में सबसे कम होगी। सर्वे में कहा गया है कि ग्लोबल ग्रोथ में कमजोरी से भारत भी प्रभावित हो रहा है। फाइनेंशियल सेक्टर की दिक्कतों के चलते निवेश में कमी की वजह से भी चालू वित्त वर्ष में ग्रोथ घटी। लेकिन, जितनी गिरावट आनी थी आ चुकी है। अगले वित्त वर्ष से ग्रोथ बढ़ने की उम्मीद है।सर्वे में यह भी कहा गयाकि प्याज जैसी कमोडिटी की कीमतों में स्थिरता लाने के लिए सरकार के उपाय प्रभावी साबित होते नहीं लग रहे।


आर्थिक सर्वेक्षण में सरकार को सुझाव



  • 2025 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी का लक्ष्य हासिल करने के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर पर 1.4 ट्रिलियन डॉलर खर्च करने की जरूरत।

  • ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए चालू वित्त वर्ष में वित्तीय घाटे के लक्ष्य से पीछे हटना पड़ सकता है।

  • संपत्ति के वितरण से पहले संपत्ति जुटानी होती है, कारोबारियों को सम्मान की नजर से देखना चाहिए।

  • मैन्युफैक्चरिंग में 'असेंबलिंग इन इंडिया फॉर वर्ल्ड' जैसे विचारों की जरूरत है। इससे रोजगार भी बढ़ेंगे।

  • एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए बंदरगाहों पर लालफीताशाही खत्म होनी चाहिए। ताकि कारोबारी माहौल आसान हो सके।

  • बिजनेस शुरू करने, प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन, टैक्स भुगतान और कॉन्ट्रैक्ट लागू करने के नियम आसान किए जाने चाहिए।

  • सरकारी बैंकों के कामकाज में सुधार और भरोसा बढ़ाने के लिए ज्यादा से ज्यादा जानकारियां सार्वजनिक की जानी चाहिए।


सर्वे की थीम- बाजार सक्षम, अर्थव्यवस्था में भरोसा


सर्वे में कहा गया है कि 2025 तक देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी तक बनाने का अहम तरीका है- नैतिकता को ध्यान में रखकर पैसे कमाना। इस बार आर्थिक सर्वे हल्के बैंगनी (लैवेंडर) रंग में छपा, जैसा कि 100 रुपए के नए नोट का रंग होता है। इस बार सर्वे थीम है- 'बाजार सक्षम बने, कारोबारी नीतियों को बढ़ावा मिले, अर्थव्यवस्था में भरोसा हो।'


छह महीने में सर्वे तैयार किया: मुख्य आर्थिक सलाहकार
आर्थिक सर्वेक्षण से पता चलता है कि बीते साल में आर्थिक मोर्चे पर देश का क्‍या हाल रहा। इसके जरिए मुख्य आर्थिक सलाहकार सरकार को सुझाव भी देते हैं, ताकि इकोनॉमी के लक्ष्यों को हासिल किया जा सके। पिछले साल 5 जुलाई को बजट आया था। आर्थिक सर्वे 4 जुलाई को पेश किया गया था। मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन ने कहा किउनकी टीम ने कड़ी मेहनत कर इस बार सिर्फ 6 महीने में आर्थिक सर्वेक्षण तैयार किया।


बजट सत्र का पहला चरण 11 फरवरी तक चलेगा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार को आम बजट पेश करेंगी। बजट में आर्थिक सर्वेक्षण के तथ्यों को ध्यान में रखा जाता है। लेकिन, यह जरूरी नहीं कि बजट में आर्थिक सर्वेक्षण का असर दिखे। आज से बजट सत्र भी शुरू हो गया है। बजट सत्र का पहला चरण 11 फरवरी तक चलेगा। दूसरा चरण 2 मार्च से शुरू होकर 3 अप्रैल तक चले



 

 

 



 




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नई दिल्ली.वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को सदन में 2020-21 का आम बजट पेश किया।राजद नेता तेजप्रताप यादव ने कहा- इस बजट से ज्यादा अच्छी तो सत्यनारायण भगवान की कथा होती है, कम से कम मन को संतुष्टि और पुण्य की प्राप्ति होती है। यहां तो कुछ भी नहीं आया हाथ में। गरीब जनता टुकुर-टुकुर देखती रही और ये लगातार ढाई-तीन घंटे तक गुमराह करते रहे। वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता संजय झा ने कहा-बजट के लिए वित्त मंत्री की आलोचना न करें। क्योंकि,इसे एलेक्सा (अमेजन का आर्टिफिशियल असिस्टेंट) द्वारा तैयार किया गया है। 100 नए एयरपोर्ट्स। कोई साइंटिफिक एसेसमेंट नहीं। बस सिर्फ बचकाना सुर्खियां बटोरने की कोशिश। यह सिर्फ 100 स्मार्ट सिटी की तरह है, जो कहीं नहीं दिख रहीं। एलेक्सा को 100 से ज्यादा प्यार है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा-टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में इम्प्लॉयमेंट जनरेशन को बढ़ावा देने के लिए इस बजट में हमने कई विशेष प्रयास किए हैं। नए स्मार्ट सिटीज, इलेक्ट्रॉनिक मैन्यूफैक्चरिंग, डेटा सेंटर पार्क्स, बायो टेक्नोलॉजी और क्वांटम टेक्नोलॉजी, जैसे क्षेत्रों के लिए अनेक पॉलिसी इनिशिएटिव्स लिए गए हैं। इससे पहले राहुल गांधी ने कहा- यह अब तक सबसे लंबा बजट भाषण था,लेकिन इसमें कुछ भी नहीं था। इस पर सीतारमण बोलीं- मैं सहमत हूं कि मेरा बजट भाषण लंबा था, लेकिन भाषण में मैंने युवाओं के लिए रोजगार की योजनाओं के बारे में बात की। इसमें उन्हें कई लाभ दिए गए हैं। सबसे लंबा बजट भाषण और सबसे अधिक कमी- कांग्रेस राहुल गांधी ने कहा- मुख्य समस्या बेरोजगारी है। बजट में ऐसा कोई ठोस प्रावधान नहीं दिखा, जिससे हमारे युवाओं को रोजगार मिले। इसमें कोई विचार नजर नहीं आया। सरकार अपनी पीठ थपथपाती दिखी। सरकार सिर्फ बातें ही कर रही है, लेकिन काम कुछ नहीं हो रहा है। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- इस बजट में, मोदी सरकार ने कर प्रणाली को तर्कसंगत बनाने, बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने, बैंकिंग प्रणाली को मजबूत करने, निवेश को बढ़ावा देने और व्यापार करने में आसानी के लिए प्रभावी कदम उठाए हैं। यह मोदी सरकार के 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के संकल्प को आगे बढ़ाएगा। पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा- यह हाल के वर्षों का सबसे लंबा बजट था। यह 160 मिनट तक चला, लेकिन समझ नहीं आया कि बजट से सरकार क्या संदेश देना चाहती थी। इसमें रोजगार सृजन को लेकर कुछ नहीं कहा गया है। सरकार अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने, विकास दर में तेजी लाने, निजी निवेश को बढ़ावा देने या रोजगार के अवसर देने की उम्मीद छोड़ चुकी है। कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा- मुझे खुशी है कि वित्त मंत्री ने स्वीकार किया कि राजकोषीय घाटा 3.8% है। उनको देश को यह भी बताना चाहिए था कि अगर आप यूनियन और स्टेट का घाटा जोड़े तो यह 8% से ज्यादा है जो देश के लिए चिंता की स्थिति है। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा- यह बजट प्रधानमंत्री मोदी के सुधार और सुधार की 5 साल की नीति को जारी रखने का एक ऐतिहासिक बजट है। यह बजट महिलाओं, किसानों, युवाओं, मध्यम वर्ग और गरीबों पर केंद्रित है। मैं वित्त मंत्री सीतारमण को इस साहसी बजट के लिए बधाई देता हूं। कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा- निर्मला सीतारमण बजटीय गणित समझाने में विफल रही हैं। भारी भरकम शब्दों का कोई मतलब नहीं हैं। इंस्पेक्टर राज को समाप्त करने का वित्त मंत्री का दावा गलत और मजाक है। आईटी के छापे कई गुना बढ़े हैं। टैक्स टेररिज्म ने व्यापार जगत के लीडर्स में दहशत पैदा की है। बजट स्पष्ट नहीं है। रोजगार सृजन के लिए स्पष्ट रोडमैप नहीं है। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा- राहुल गांधी बजट को लेकर बहुत उत्साहित नहीं दिखे। अगर उनके पास कोई मुद्दा-आधारित प्रश्न है, तो मैं उनका जवाब दे सकता हूं। लेकिन अगर वह केवल विशेषण का उपयोग करना चाहते हैं, तो मैं उनसे 10 गुना बेहतर विशेषण टेलीविजन पर देख रहा हूं, जो सकारात्मक है। माकपा नेता सीताराम येचुरी ने कहा- जब तक मोदी सरकार के मंत्री और भाजपा के नेता भारतीय समाज को नष्ट करने के लिए काम करेंगे, तब तक देश में कोई भी आर्थिक पुनरुत्थान नहीं हो सकता। वहीं, राजद ने कहा- ‘गोली मारो...’ का नारा देने वाले वित्त राज्यमंत्री आज देश को बता रहे हैं कि बजट ‘सबका साथ, सबका विकास’ वाला है। राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा- विश्व में भारत को एक प्रमुख आर्थिक शक्ति के रूप में स्थापित करने वाला आम बजट मोदी सरकार की दूरदर्शी सोच को प्रतिबिम्बित करता है। हमें विश्वास है कि यह बजट मजबूत भारत की आधारिशला रखकर सभी भारतीयों के सपनों को साकार करने का मार्ग प्रशस्त करेगा। वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कहा- निर्मला सीतारमण और अनुराग ठाकुर ने नौकरी की कमी, किसानों की आत्महत्या, गिरती हुई जीडीपी, खत्म होते कारोबार के बीच का बजट पेश किया। सीतारमण अपने बॉस की तरह कहती हैं- ‘सब चंगा सी'! अनुराग ठाकुर ने कहा होगा- देश के बेरोजगारों, व्यापारियों और किसानों को गोली मारो! उप्र के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा- भाजपा का एक और निराशाजनक बजट आया। न नौकरीपेशा को फायदा, न कारोबारी को, न उद्योग को, न किसान-मजदूर-गरीब को। युवा और भी निराश हो गए हैं और महंगाई की मारी गृहणी और भी हताश हैं। अगर भाजपा के भ्रष्टाचार पर कर लगा दिया जाए तो देश के बुरे दिन समाप्त हो जाएंगे। राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा- विश्व में भारत को एक प्रमुख आर्थिक शक्ति के रूप में स्थापित करने वाला आम बजट मोदी सरकार की दूरदर्शी सोच को प्रतिबिम्बित करता है। हमें विश्वास है कि यह बजट मजबूत भारत की आधारिशला रखकर सभी भारतीयों के सपनों को साकार करने का मार्ग प्रशस्त करेगा। बायोकॉन की संस्थापक किरण मजूमदार शॉ ने कहा- हमारे आर्थिक कैंसर को कीमोथेरेपी की नहीं बल्कि इम्यूनोथेरेपी की जरूरत है। हमें इसके कारणों से लड़ने की जरूरत है न कि इसके लक्षणों से। उम्मीद है 2020 के बजट में इस पर भी ध्यान दिया जाएगा। वित्तीय सृजन हमारी आर्थिक प्रतिरक्षा तंत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा है। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा- अर्थव्यवस्था में थेगड़े (टैटर्स/पैबंद) लग चुकेहैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ही हैं,जो कॉस्मेटिक सर्जरी कर सकती हैं। क्योंकि,भाजपा सरकार तो इमरान खान या पाकिस्तान के मुसलमानों की बात करने में ही लगी रहती है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा- दिल्ली के लोगों को पूरी उम्मीद है कि केंद्र सरकार बजट में दिल्ली के हितों की रक्षा करेगी। चुनाव के मद्देनजर दिल्ली को और भी ज्यादामिलना चाहिए। बजट बताएगा कि भाजपा को हम दिल्लीवालों की कितनी परवाह है। प.बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा- मैं यह देखकर हैरान हूं कि केंद्र सरकार ने किस प्रकार देश की ऐतिहासिक सार्वजिनिक संस्थाओं को ताक पर रख दी है। Budget 2020 (36) Commen या की 100 शक्तिशाली महिलाओं में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का 34वां नंबर, रोशनी नाडर और किरण मजूमदार शॉ भी शामिल फोर्ब्स / दुनिया की 100 शक्तिशाली महिलाओं में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का 34वां नंबर, रोशनी नाडर और किरण मजूमदार शॉ भी शामसीएए / रविशंकर प्रसाद ने कहा- सरकार शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से बातचीत को तैयार, नागरिकता कानून पर शंकाएं दूर करेंगे होम ई-पेपर
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